HOT GIRL MMS VIRAL

रविवार, 9 अगस्त 2015

1.)सुनो, एकदम से जुदाई मुश्किल है
    मेरी मानों कुछ किश्तें तय कर लो..!!

2.)उम्र सारी तो बहुत दूर की बात है....!!

एक लम्हे के लिए काश वो मेरा होता....!!!
😇
3.)अपनी हालत का खुद एहसास नही है मुझको,,

मैंने औरो से सुना है की परेशान रहती हूँ मैं...!!!
😃
4.)बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी......
आज हालात देखकर लगता है...कहीं वो "ऊपर-वाले" को तो नहीं लग गया !!!

5.)ढलने लगी थी रात,,,,कि तुम ,,,,याद आ गये ...

फिर उसके बाद ,,,,रात ,,,,,बहुत देर तक रही ...!!!

6.)सब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में यहां ,
किसी का 'काश' तो किसी का 'अगर' छूट ही जाता है!

7.)दूर रहो मुझ से .......
टूटी हुई हूँ ...... चुभ जाऊँगी..

8.)हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का...
कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो...!!!

9.)तोड दो वो कसम जो तुमने खाई है...

कभी कभी.. बात करने में क्या बुराई है...!!!

10.)ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया...

कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए...!!!

11.)सौ खामियां होंगी मुझमें,पर एक खूबी भी है,

अपनों को आज तक , पराया नहीं किया मैनें...!!!

12.)ये मोहबत भी आग जैसी है,
लग जाये तो बुझती नही,
और
बुझ जाये तो जलन होती है..!!

13.)तुम ना अपनी 'हद्द' में रहा करो,

आजकल बे'हद्द' याद आने लगे हो ... !!!

14.)यादें बन कर जो मेरे साथ रहते हो....

तेरे इतने से ऐहसान का सौ बार शुक्रिया...!!!

15.) वो नफरत की 'वजह' ढूंढती
रहा..
मै मोहब्बत 'बेवजह' करती रही.!!

16.) लफ़्ज़ों से फतह करती हूँ लोगो के दिलों को...
मैं ऐसी रानी हूँ ,जो कभी लश्कर नहीं रखती...

17.) श्मशान की राख हाथ में लिए सोच रही हूँ.......
लोग मरते हैं तो गुरूर कहाँ जाता है.......

18.) मुझे भी आईने जैसा कमाल हासिल है...
मैं टूटती हूं तो फिर बेशुमार होती हूं..

19.) बैचेन रातें बिताकर किश्तें चुका रहे हैं ,
उसने एक बार मुस्कुराकर कुछ यूँ कर्ज़दार कर ।

20.) ️पीते पीते ज़हर-ए-ग़म अब जिस्म नीला पड़ गया.....
️कुछ दिनों में देखना हम आसमां होने को हैं.....

21.) मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना,
शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता!

22.) अपनों की चाहतों में मिलावट थी इस कदर...
तंग आ के दुश्मनों को मनाने चली गई...

23.) हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नक़ाबों में,
हर इक क़िरदार खुलता है, कहानी ख़त्म होने पर...!!

24.) कभी खामोश सा रहके हमने दर्द को संभाला…
कभी "कागज़ से लिपटके", दर्द को लिख डाला....

25.) मैं तुझसे अब कुछ नहीं माँगती ऐ ख़ुदा,..
..तेरी देकर छीन लेने की
आदत मुझे मंज़ूर नहीं!

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