1.)सुनो, एकदम से जुदाई मुश्किल है
मेरी मानों कुछ किश्तें तय कर लो..!!
☺
2.)उम्र सारी तो बहुत दूर की बात है....!!
एक लम्हे के लिए काश वो मेरा होता....!!!
😇
3.)अपनी हालत का खुद एहसास नही है मुझको,,
मैंने औरो से सुना है की परेशान रहती हूँ मैं...!!!
😃
4.)बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी......
आज हालात देखकर लगता है...कहीं वो "ऊपर-वाले" को तो नहीं लग गया !!!
☺
5.)ढलने लगी थी रात,,,,कि तुम ,,,,याद आ गये ...
फिर उसके बाद ,,,,रात ,,,,,बहुत देर तक रही ...!!!
☺
6.)सब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में यहां ,
किसी का 'काश' तो किसी का 'अगर' छूट ही जाता है!
☺
7.)दूर रहो मुझ से .......
टूटी हुई हूँ ...... चुभ जाऊँगी..
☺
8.)हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का...
कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो...!!!
☺
9.)तोड दो वो कसम जो तुमने खाई है...
कभी कभी.. बात करने में क्या बुराई है...!!!
☺
10.)ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया...
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए...!!!
☺
11.)सौ खामियां होंगी मुझमें,पर एक खूबी भी है,
अपनों को आज तक , पराया नहीं किया मैनें...!!!
☺
12.)ये मोहबत भी आग जैसी है,
लग जाये तो बुझती नही,
और
बुझ जाये तो जलन होती है..!!
☺
13.)तुम ना अपनी 'हद्द' में रहा करो,
आजकल बे'हद्द' याद आने लगे हो ... !!!
☺
14.)यादें बन कर जो मेरे साथ रहते हो....
तेरे इतने से ऐहसान का सौ बार शुक्रिया...!!!
☺
15.) वो नफरत की 'वजह' ढूंढती
रहा..
मै मोहब्बत 'बेवजह' करती रही.!!
☺
16.) लफ़्ज़ों से फतह करती हूँ लोगो के दिलों को...
मैं ऐसी रानी हूँ ,जो कभी लश्कर नहीं रखती...
☺
17.) श्मशान की राख हाथ में लिए सोच रही हूँ.......
लोग मरते हैं तो गुरूर कहाँ जाता है.......
☺
18.) मुझे भी आईने जैसा कमाल हासिल है...
मैं टूटती हूं तो फिर बेशुमार होती हूं..
☺
19.) बैचेन रातें बिताकर किश्तें चुका रहे हैं ,
उसने एक बार मुस्कुराकर कुछ यूँ कर्ज़दार कर ।
☺
20.) ️पीते पीते ज़हर-ए-ग़म अब जिस्म नीला पड़ गया.....
️कुछ दिनों में देखना हम आसमां होने को हैं.....
☺
21.) मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना,
शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता!
☺
22.) अपनों की चाहतों में मिलावट थी इस कदर...
तंग आ के दुश्मनों को मनाने चली गई...
☺
23.) हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नक़ाबों में,
हर इक क़िरदार खुलता है, कहानी ख़त्म होने पर...!!
☺
24.) कभी खामोश सा रहके हमने दर्द को संभाला…
कभी "कागज़ से लिपटके", दर्द को लिख डाला....
☺
25.) मैं तुझसे अब कुछ नहीं माँगती ऐ ख़ुदा,..
..तेरी देकर छीन लेने की
आदत मुझे मंज़ूर नहीं!
☺
मेरी मानों कुछ किश्तें तय कर लो..!!
☺
2.)उम्र सारी तो बहुत दूर की बात है....!!
एक लम्हे के लिए काश वो मेरा होता....!!!
😇
3.)अपनी हालत का खुद एहसास नही है मुझको,,
मैंने औरो से सुना है की परेशान रहती हूँ मैं...!!!
😃
4.)बचपन में एक पत्थर तबियत से ऊपर उछाला था कभी......
आज हालात देखकर लगता है...कहीं वो "ऊपर-वाले" को तो नहीं लग गया !!!
☺
5.)ढलने लगी थी रात,,,,कि तुम ,,,,याद आ गये ...
फिर उसके बाद ,,,,रात ,,,,,बहुत देर तक रही ...!!!
☺
6.)सब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में यहां ,
किसी का 'काश' तो किसी का 'अगर' छूट ही जाता है!
☺
7.)दूर रहो मुझ से .......
टूटी हुई हूँ ...... चुभ जाऊँगी..
☺
8.)हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का...
कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो...!!!
☺
9.)तोड दो वो कसम जो तुमने खाई है...
कभी कभी.. बात करने में क्या बुराई है...!!!
☺
10.)ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया...
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए...!!!
☺
11.)सौ खामियां होंगी मुझमें,पर एक खूबी भी है,
अपनों को आज तक , पराया नहीं किया मैनें...!!!
☺
12.)ये मोहबत भी आग जैसी है,
लग जाये तो बुझती नही,
और
बुझ जाये तो जलन होती है..!!
☺
13.)तुम ना अपनी 'हद्द' में रहा करो,
आजकल बे'हद्द' याद आने लगे हो ... !!!
☺
14.)यादें बन कर जो मेरे साथ रहते हो....
तेरे इतने से ऐहसान का सौ बार शुक्रिया...!!!
☺
15.) वो नफरत की 'वजह' ढूंढती
रहा..
मै मोहब्बत 'बेवजह' करती रही.!!
☺
16.) लफ़्ज़ों से फतह करती हूँ लोगो के दिलों को...
मैं ऐसी रानी हूँ ,जो कभी लश्कर नहीं रखती...
☺
17.) श्मशान की राख हाथ में लिए सोच रही हूँ.......
लोग मरते हैं तो गुरूर कहाँ जाता है.......
☺
18.) मुझे भी आईने जैसा कमाल हासिल है...
मैं टूटती हूं तो फिर बेशुमार होती हूं..
☺
19.) बैचेन रातें बिताकर किश्तें चुका रहे हैं ,
उसने एक बार मुस्कुराकर कुछ यूँ कर्ज़दार कर ।
☺
20.) ️पीते पीते ज़हर-ए-ग़म अब जिस्म नीला पड़ गया.....
️कुछ दिनों में देखना हम आसमां होने को हैं.....
☺
21.) मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना,
शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता!
☺
22.) अपनों की चाहतों में मिलावट थी इस कदर...
तंग आ के दुश्मनों को मनाने चली गई...
☺
23.) हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नक़ाबों में,
हर इक क़िरदार खुलता है, कहानी ख़त्म होने पर...!!
☺
24.) कभी खामोश सा रहके हमने दर्द को संभाला…
कभी "कागज़ से लिपटके", दर्द को लिख डाला....
☺
25.) मैं तुझसे अब कुछ नहीं माँगती ऐ ख़ुदा,..
..तेरी देकर छीन लेने की
आदत मुझे मंज़ूर नहीं!
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