1.तेरी याद से तो अच्छी मेरी शराब है जालिम,
कमबख्त रूलाने के बाद मुझको सुला तो देती है।
2. दिल टूटते हैं अनजाने में हमेशा
लूटने वाले कभी गैर नहीं होते
3. ..आदत नहीं हमे पीठ पीछे वार करने की..
दो शब्द कम बोलते हैं पर सामने बोलते हैं...
4. तनहाई का ये आलम देखा हे मैंने...
हजारो की भीड़ मे भी तनहा लोग देखे हे मैंने..!
5."तेरे लिए कभी इस दिल ने बुरा नहीं चाहा...
ये और बात हैं के, मुझे ये साबित, करनानहीं आया"
6.बदल तो गए थे तुम बहुत जल्दी मौसम की तरह.....!!
अब लौट के भी आ जाओ ना जल्दी से इसी की तरह......!!
7.अगर इतनी नफरत है मुझसे,तो सभी दुआँ करो की..!
उनकी दुआँ भी पूरी हो जाये, ओर मेरी जिंदगी भी.....!!
8.घर की देहलीज बुलाती हे....
अपनो की बहुत आती हे....!
9.तबाह हूँ तेरे प्यार मे...
तुझे दूसरों का ख्याल है...!
कुछ मेरे मसले पर भी गौर कर...
मेरी तो जिन्दगी का सवाल है...!!
10.वो भी क्या वक्त था जब सोचते थे कि हमारा भी वक्त आऐगा.....
और आज एक वक्त ये है कि सोचते हैँ वो भी क्या वक्त था.....
11.ये ज़ुल्फों को चेहरे पर लाने का अंदाज़ अच्छा है...!!!
हुस्न किश्तों में दिखे तो दिल एक साथ खर्च नहीं होता...!!!
कमबख्त रूलाने के बाद मुझको सुला तो देती है।
2. दिल टूटते हैं अनजाने में हमेशा
लूटने वाले कभी गैर नहीं होते
3. ..आदत नहीं हमे पीठ पीछे वार करने की..
दो शब्द कम बोलते हैं पर सामने बोलते हैं...
4. तनहाई का ये आलम देखा हे मैंने...
हजारो की भीड़ मे भी तनहा लोग देखे हे मैंने..!
5."तेरे लिए कभी इस दिल ने बुरा नहीं चाहा...
ये और बात हैं के, मुझे ये साबित, करनानहीं आया"
6.बदल तो गए थे तुम बहुत जल्दी मौसम की तरह.....!!
अब लौट के भी आ जाओ ना जल्दी से इसी की तरह......!!
7.अगर इतनी नफरत है मुझसे,तो सभी दुआँ करो की..!
उनकी दुआँ भी पूरी हो जाये, ओर मेरी जिंदगी भी.....!!
8.घर की देहलीज बुलाती हे....
अपनो की बहुत आती हे....!
9.तबाह हूँ तेरे प्यार मे...
तुझे दूसरों का ख्याल है...!
कुछ मेरे मसले पर भी गौर कर...
मेरी तो जिन्दगी का सवाल है...!!
10.वो भी क्या वक्त था जब सोचते थे कि हमारा भी वक्त आऐगा.....
और आज एक वक्त ये है कि सोचते हैँ वो भी क्या वक्त था.....
11.ये ज़ुल्फों को चेहरे पर लाने का अंदाज़ अच्छा है...!!!
हुस्न किश्तों में दिखे तो दिल एक साथ खर्च नहीं होता...!!!
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